यह आर्टिकल Current Affairs 25 Feb 2022 को कवर करेगा। इस आर्टिकल में हम IAS, State PSC exams, Railway, NDA Exam, Bank Exam, SSC Exam एवम् अन्य सभी तरह की परीक्षाओं हेतु विश्वसनीय स्रोतों के माध्यम से करेंट अफेयर्स की चर्चा करेगे। इस Current Affairs in Hindi में उपलब्ध करवाए गए है। यह Hindi Current Affairs आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद करेंगे।
मेडिकल क्षेत्र Hindi Current Affairs
डॉ. मनसुख मंडाविया ने मेडिकल, डेंटल, पैरा-मेडिकल संस्थानों/कॉलेजों में मेडिकल पेशेवरों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के लिए बायोमेडिकल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप पर “आईसीएमआर/डीएचआर” पॉलिसी लॉन्च किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने 24 फरवरी को “मेडिकल, डेंटल, पैरा-मेडिकल संस्थान/ कॉलेज में चिकित्सा पेशेवरों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के लिए जैव-चिकित्सा नवाचार और उद्यमिता पर आईसीएमआर/ डीएचआर नीति” का शुभारंभ किया।
यह नीति उद्योग, तकनीकी संस्थानों को जोड़ेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र में इन अवधारणाओं तथा नवाचारों के व्यावसायिक बदलाव को बढ़ावा देगी।
नीति के अनुसार, चिकित्सा पेशेवरों/डाक्टरों को स्टार्ट-अप कंपनियां बनाकर कंपनी-गैर-कार्यकारी निदेशक या वैज्ञानिक सलाहकार में सहायक के तौर पर उद्यमशीलता के उपक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
यह नीति अंतःविषय सहयोग, नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास, कौशल विकास और सामाजिक लाभ के लिए उद्यमिता विकास और मेक-इन-इंडिया उत्पाद विकास को बढ़ावा देगी।
स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग-भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद अन्य सरकारी विभागों/ मंत्रालयों/ संगठनों जैसे डीपीआईआईटी, डीएसटी, डब्ल्यूआईपीओ, डीएसआईआर, एम्स, आईआईटी दिल्ली आदि के परामर्श से इस नीति को तैयार करता है।
डॉक्टरों को अकेले या कंपनियों के माध्यम से अंतर-संस्थागत और उद्योग परियोजनाओं को शुरू करने, व्यवसायिक संस्थाओं को लाइसेंस प्रौद्योगिकी, व्यवसायीकरण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक लाभ के लिए राजस्व सृजन की अनुमति दी जाएगी।
चिकित्सा पेशेवरों को भी संस्थान की अनुमति के बाद अपनी स्टार्ट-अप कंपनी सेट-अप के माध्यम से अपने नवाचार के कार्यान्वयन और व्यावसायीकरण के लिए अनुमति दी जाएगी।
पर्यावरण Current Affairs 25 Feb 2022
विश्व आर्थिक मंच और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स ने संयुक्त रूप से डिजाइन किए गए “सस्टेनेबल सिटीज इंडिया कार्यक्रम” पर सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
विश्व आर्थिक मंच और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किए गए “सस्टेनेबल सिटीज इंडिया प्रोग्राम” पर सहयोग करने के लिए 24 फरवरी को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए
यह फोरम और एनआईयूए दो वर्षों में पांच से सात भारतीय शहरों के संदर्भ में फोरम की सिटी स्प्रिंट प्रक्रिया तथा समाधान के टूलबॉक्स को डीकार्बोनाइजेशन के लिए अनुकूलित करेंगे।
सिटी स्प्रिंट प्रक्रिया बहु-क्षेत्रीय, बहु-हितधारक कार्यशालाओं की एक श्रृंखला है, जिसमें व्यापार, सरकार और नागरिक समाज के प्रमुखों को शामिल किया जाता है, विशेष रूप से स्वच्छ विद्युतीकरण व वितरण के माध्यम से डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम बनाने के लिए इसमें क्रियान्वयन होता है।
कार्यशाला श्रृंखला का परिणाम प्रासंगिक नीतियों और व्यवसाय मॉडल की एक शॉर्टलिस्ट की तरह है, जो न केवल उत्सर्जन को कम करता है बल्कि सिस्टम वैल्यू को अधिकतम करता है, जैसे बेहतर वायु गुणवत्ता या रोजगार सृजन।
साथ ही यह सिटी स्प्रिंट्स नेट ज़ीरो प्लानिंग और एक्शन को जम्पस्टार्ट और/या तेज करने में मदद करेगा। सिटी स्प्रिंट प्रक्रिया टूलबॉक्स ऑफ़ सॉल्यूशंस का उपयोग करती है – यह एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जिसमें स्वच्छ विद्युतीकरण, दक्षता तथा स्मार्ट बुनियादी ढांचे के 200 से अधिक उदाहरण मौजूद हैं और इसके लिए दुनिया भर के 110 से अधिक शहरों से इमारतों, ऊर्जा प्रणालियों एवं गतिशीलता के मामलों का अध्ययन किया गया है।
सिटी स्प्रिंट प्रक्रिया शहरों को प्रायोगिक समाधान देने में भी सक्षम बनाएगी। उसके बाद निष्कर्षों के आधार पर, भारत 10 से 40 सर्वोत्तम केस स्टडी में योगदान देने में सक्षम होगा, जिसे समाधान के टूलबॉक्स में एकीकृत किया जाएगा और दुनिया भर में प्रदर्शित किया जाएगा।
यह सहयोग भारत के शहरों और विश्व स्तर पर शहरों को एक दूसरे से सीखने तथा सतत विकास व जलवायु लचीलेपन की दिशा में कार्रवाई करने में मदद करेगा।
विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत जैसे घनी आबादी वाले देश जो कृषि पर अत्यधिक निर्भर हैं, वे विशेष रूप से जलवायु असुरक्षा की चपेट में हैं।
शहरों में डीकार्बोनाइजेशन ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का एक वास्तविक अवसर है और भारत के शहर इस लक्ष्य तक पहुंचने में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।
“सस्टेनेबल सिटीज इंडिया प्रोग्राम” के उद्देश्य
सस्टेनेबल सिटीज इंडिया प्रोग्राम’ का उद्देश्य शहरों को एक व्यवस्थित एवं टिकाऊ तरीके से डीकार्बोनाइज करने में सक्षम बनाना है, जो उत्सर्जन को कम करेगा और लचीला तथा न्यायसंगत शहरी पारिस्थितिक तंत्र प्रदान करेगा।
नेट जीरो कार्बन सिटीज प्रोग्राम का उद्देश्य
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का नेट जीरो कार्बन का उद्देश्य सिटीज मिशन स्वच्छ विद्युतीकरण और वितरण के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है, जिसके परिणामस्वरूप शहरी डीकार्बोनाइजेशन और लचीलापन होता है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऊर्जा, निर्मित पर्यावरण और परिवहन क्षेत्रों में अंतर को पाटने के लिए सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देना है।
रक्षा Current Affairs in Hindi
रक्षा मंत्रालय ने पूरे भारत में चार लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों में स्पर्श योजना के अंतर्गत पेंशन सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने पूरे भारत में चार लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों में स्पर्श योजना के अंतर्गत पेंशन सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
यह समझौता ज्ञापन पेंशनभोगियों को हर स्तर तक संपर्क प्रदान करेगा, विशेष रूप से ऐसे पेंशनभोगी जो देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके पास स्पर्श पर लॉग ऑन करने के लिए साधन या तकनीकी साधन उपलब्ध नहीं हैं।
इन पेंशनभोगियों के लिए, सेवा केंद्र स्पर्श के लिए एक इंटरफेस बन जाएंगे और पेंशनभोगियों को प्रोफाइल अपडेट के लिए अनुरोध करने, शिकायत दर्ज करने और निवारण करने, डिजिटल वार्षिक पहचान सत्यापन, पेंशनभोगी डेटा सत्यापन या उनकी मासिक पेंशन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी माध्यम प्रदान करेंगे।
कोटक महिंद्रा बैंक के साथ इस अवसर पर एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिसके अंतर्गत वे पूर्व सैनिकों के उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में स्थित 14 शाखाओं में सेवा केंद्र स्थापित करेंगे।
ये केंद्र 161 से अधिक डीएडी कार्यालयों के मौजूदा नेटवर्क में और वृद्धि करेंगे और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) तथा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की लगभग 800 शाखाएं, जो पेंशनरों को स्पर्श का उपयोग करने में सहायता और सुविधा प्रदान करने के लिए सेवा केंद्रों के रूप में कार्य कर रही हैं।
इन सेवा केंद्रों तक पहुंच पेंशनभोगियों को नि:शुल्क प्रदान की जाएगी और इसमें लगाने वाला नाममात्र का सेवा शुल्क विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
स्पर्श योजना
स्पर्श योजना रक्षा मंत्रालय की एक पहल है जिसका उद्देश्य ‘डिजिटल इंडिया’, ‘प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी)’ और ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ की सरकार की परिकल्पना को बढ़ावा देना है।
यह प्रणाली डीएडी द्वारा रक्षा लेखा के प्रधान नियंत्रक (पेंशन), प्रयागराज के माध्यम से संचालित की जाती है और तीनों सेवाओं और संबद्ध संगठनों को शामिल करती है। प्रणाली के कार्यान्वयन के शुरूआत में नए सेवानिवृत्त लोगों को शामिल कर रही है और बाद में मौजूदा रक्षा पेंशनभोगियों को शामिल करने के लिए विस्तारित की जा रही है।
यह प्रणाली पेंशन चक्र की सभी गतिविधियों जैसे: पहल और स्वीकृति, संवितरण और संशोधन को शामिल करती है।
स्पर्श पहल को रक्षा पेंशनभोगियों को केंद्र में रखते हुए डिजाइन किया गया है, जिन्हें एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उनके पेंशन खाते को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जाएगा।
यह पेंशनभोगी की वृतांत और अधिकारों – पेंशन शुरू होने की तारीख से लेकर अंतिम पात्र लाभार्थी को पेंशन की समाप्ति की तारीख तक का पूरा इतिहास रखता है और अभिग्रहण करता है।
नारी सुरक्षा Current Affairs Daily
जम्मू कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में 2 महिला सुरक्षा दस्ते तैनात किए हैं।
हाल ही में, जम्मू कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में 2 महिला सुरक्षा दस्ते तैनात किए हैं।
प्रत्येक दस्ते ने 5 महिला पोलिस अधिकारी एवं कर्मचारी होगी।
इन दोनो दस्तों का नेतृत्व इंस्पेक्टर खालिदा परवीन करेगी।
इन दस्तों द्वारा दिन के समय में शिक्षण संस्थानों एवं अन्य जगहों में निगरानी की जायेगी।
इसके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस ने 24*7 महिला सुरक्षा हेतु महिला हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है।
यह अपने आप में ही महिला सुरक्षा हेतु ऐसे पहली पहल है।
टेक्नोलॉजी Current Affairs in Hindi
आईआईटी रुड़की ने “किसान” एप डेवलप किया।
हाल ही में, आईआईटी रुड़की ने “किसान” एप डेवलप किया है।
यह ऐप किसानों को मौसम संबंधी सभी तरह की जानकारियां देगा।
वर्तमान में यह ऐप केवल हरिद्वार के किसानों तक सीमित है लेकिन तदांतर में यह ऐप पूरे उत्तराखंड के लिए उपलब्ध रहेगा।
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